Anurag Dwivedi Net Worth From Predictions to Crores – His Real Income Exposed! 1cr+

Anurag Dwivedi Net Worth: From Predictions to Crores – His Real Income Exposed!

Anurag Dwivedi Net Worth: आज हो गई है ₹210 करोड़ और यह सब कुछ कमाया केवल फेंटसी खेल के यानी क्रिकेट प्रेडिक्शन करके यहां तक कि अपने एक पॉडकास्ट में यह भी बताया कि रोजाना 30 लाख तक कमाई हो जाती है आईपीएल सीजन में आईपीएल टाइम पे तो आप 30 लाख मिनिमम रख लो पर डे के लेकिन सवाल यही है कि क्या ये सब कुछ रियल है या फिर लोगों की नजर में धूल झोंका जा रहा है।

तो दो मैच एक मैच में 3 करोड़ का मेरा लॉस हुआ था एक मैच में 7 करोड़ का लॉस हुआ था और दूसरा पॉइंट कि क्या सच में एक क्रिकेटर से ज्यादा फेंटसी खेलने वाले पैसे कमा रहे हैं क्रिकेटर्स आज की डेट में उतना पैसा नहीं कमा रहे जितना फेंटसी के इनफ्लुएंसर पर डे कमा रहे हैं।

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वेक अप टू रियलिटी — अब अनुराग द्विवेदी से पहले बात करते हैं आखिर फेंटसी है क्या। फेंटसी एक जुआ है जो रियल मैच के बेसिस पे आपको वर्चुअल टीम बनाना होता है रियल प्लेयर के परफॉर्मेंस के बेसिस पे आपको पॉइंट मिलते हैं। जितना ज्यादा आपका पॉइंट होता है आप जीत जाते हो। देखने में यह बहुत आसान लग रहा है लेकिन एक्चुअली यह बहुत ज्यादा खतरनाक है। आप ऐसे समझ सकते हो कि गुजरात के राजकोट में आईटी सेक्टर में काम करने वाला एक शख्स ₹78 लाख दोस्तों रिश्तेदारों से लेता है और वो पैसा ऐसे ही गैंबलिंग एप्लीकेशन में हार जाता है।

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उसके बाद दोस्तों कर लेता है। यूपी के गोरखपुर का एक शख्स ऐसे ही एप्लीकेशन के झांसे में आकर वह कर्ज में डूब जाता है जिस वजह से वह अपने बच्चे और बीवी करता है उसके बाद उसको ऐड कर लेता है। गैंबलिंग शराब से भी ज्यादा घातक है — वो पूरे परिवार को कुछ ही दिन में नष्ट कर सकता है। लेकिन सवाल यही है

कि इंडिया में गैंबलिंग बंद है इसके बावजूद भी इतनी भारी मात्रा पे बड़े-बड़े क्रिकेटर से ले बड़े-बड़े यूबर तक इसे प्रमोट कर रहे हैं — किसी की नजर क्यों नहीं जा रही है? अगर बात करें भारत के कानून की तो पब्लिक गैंबलिंग एक्ट 1867 यह कानून सार्वजनिक रूप से जुआ खेलने या संचालित करने को अपराध मानता है।

भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 294A अवैध लॉटरी या सत्यबाजी से जुड़े मामले पर लागू होता है। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2000 ऑनलाइन सट्टेबाजी को नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन फिर भी कुछ राज्यों में इसे स्किल बेस्ड गेम बता के लीगल माना जाता है।

लेकिन अगर ये लीगल है तो पत्ते खेलने वाले को इललीगल क्यों मानते हैं? बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो पत्ते को कुछ इस तरीके से फेटते हैं कि उनका मनचाहा पत्ते ही आते हैं — तो क्या इसे स्किल बेस मानकर इसे भी लीगल मान लिया जाए? इसमें आप कमेंट में बताओ आपकी राय क्या है।

लेकिन अब बात करते हैं अनुराग द्विवेदी के बारे में, जो फेंटसी के बहुत बड़े ब्रांड एंबेसडर बने हुए हैं। इतने टाइम यह कहानी शुरू होती है 13 सितंबर 1999, उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के नवाबगंज में एक मिडिल क्लास परिवार में अनुराग का जन्म होता है। पिता किसानी करते थे और एक छोटी सी मेडिकल चलाते थे। बात है 2007 की जब इनके पिता के पास Nokia का मोबाइल था और उसमें स्नेक वाला गेम था। अनुराग को वो गेम बहुत ज्यादा पसंद था और वो गेम खेल रहे थे लेकिन उनके पिता आते हैं,

मोबाइल लेते हैं और अपने रिश्तेदारों से क्रिकेट के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं। उतने टाइम अनुराग के दिमाग में एक चीज जाती है कि आखिर क्रिकेट का पागलपन किस तरीके से देखा जा रहा है। उतने टाइम अनुराग ने अपने पिता के चेहरे पे क्रिकेट का पागलपन देखा

कि कैसे क्रिकेट के शौकीन लोग क्रिकेट में इतना ज्यादा रुचि रखते हैं। इस वजह से अनुराग भी उसी टाइम से क्रिकेट देखना धीरे-धीरे स्टार्ट कर दिए थे। और 2013 आते-आते इतना ज्यादा क्रिकेट देख चुके थे कि कौन सी पिच पे कौन सा प्लेयर ज्यादा बढ़िया परफॉर्म करेगा इसका अनुभव हो गया था।

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Anurag Dwivedi Net Worth
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इस वजह से 2013 में इन्होंने सट्टेबाजी शुरू कर दिया। सट्टेबाजी में ₹50 से ₹1 लाख तक कमाए। लेकिन वो पैसा इन्हें मिला नहीं। मैंने ₹50 से शुरू करके 2014 में मैंने ढाई तीन लाख कमाए लेकिन मुझे पैसा नहीं मिला। और 2015 जब 2015 आता है तब वहां पर ये काफी पैसा हार जाते हैं। यहां तक कि घर पे चोरी करना शुरू कर देते हैं।

अपने चाचा की चैन चुरा लेते हैं, अपने पिता की किसानी के पैसे थे, वो भी चुराकर वो सट्टे में हार जाते हैं। लेकिन जब ये सब कुछ इनके पिता को पता चलता है तो उनके पिता ये चीज कहते हैं — बेटा अगर आप दोबारा यह गलती किए तो मेरा मरा मुंह देख। ये चीज अनुराग को इतना ज्यादा हर्ट किया कि उन्होंने सट्टेबाजी छोड़ दिया।

लेकिन फिर जर्नी स्टार्ट होती है 2017 से। इनके एक दोस्त संजीव ने बताया कि कैसे फेंटसी से एक दोस्त ने ₹150 कमाया। तब जाके अनुराग द्विवेदी को फेंटसी के बारे में पता चला और इन्होंने अपने क्रिकेट बेस्ड स्किल से केवल ₹300 से ₹3.5 लाख कमाया छह मैचेस में। उसके बाद अपना एक YouTube चैनल बनाया और उस पे लोगों को टीम बनाने के बारे में बताने लगे। लेकिन वो भी एक रिस्क था। रिस्क कहां हुआ आगे बात करते हैं कि कैसे चैनल बनाने से लोगों का घाटा हुआ।

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ठीक है लेकिन सच्चाई यह है कि केवल 6 साल में अनुराग द्विवेदी ने 52 करोड़ की विनिंग किया और 30 करोड़ से ज्यादा ऑनलाइन अर्निंग की जिसमें YouTube चैनल और इनका स्पोंसरशिप था। टोटल ये कह ले कि केवल 6 साल में इन्होंने ₹82 करोड़ की अर्निंग किया। और आज केवल 8 साल में ही इनकी नेटवर्थ हो गई है ₹210 करोड़। आज इनके पास काफी लग्जरी महंगी गाड़ियां हैं जैसे BMW Z4, Mercedes Benz, Lamborghini जैसे कई महंगी कार हैं।

और सबसे बड़ी बात यह है कि अनुराग ने अपने एक पडकास्ट में यह भी कहा था कि आज फेंटसी वाले क्रिकेटर से ज्यादा पैसे कमा रहे हैं। एक नॉर्मल फेंटसी खेलने वाला पर डे ₹1 लाख से ₹5 लाख तक कमा सकता है। टू बी ऑनेस्ट इतना बताऊं कि क्रिकेटर्स आज की डेट में उतना पैसा नहीं कमा रहे जितना फेंटसी के इन्फ्लुएंसर पर डे कमा रहे हैं। और यहां पर अगर आईपीएल सीजन होता है तो वो कमाई ₹50 लाख तक आ जाती है और वो भी केवल एक दिन में।

लेकिन यह चीज देखने के बाद अगर आपको लगता है फेंटसी बहुत ही आसान है, फेंटसी से हम बहुत आसानी से पैसे कमा सकते हैं, बहुत आसानी से पैसे निकाल सकते हैं — तो थम जाओ। मेरी बात को ध्यान से सुनो। अब बात करते हैं अनुराग के प्रेडिक्शन के पीछे की स्ट्रेटजी क्या है। सबसे बड़ी चीज क्या है कि 2011 से आज तक की इन्होंने सारे मैचेस देखा हुआ है।

सारे मैचेस देखे 2011 से — चाहे वो इंडिया में हो रही हो या फिर इंडिया की नहीं हो — जिस वजह से उनको हर एक पिच का अनुभव हो गया है। हर एक पिच पे कौन सा प्लेयर कैसा परफॉर्म करेगा, कौन सा बॉलर किस तरीके से खेलेगा — इस सबका अनुभव इनके पास हो गया है। और सबसे बड़ी चीज — ये ये भी देखते हैं कि प्लेयर की पर्सनल लाइफ में क्या चल रहा है। वो चीज तो हम लोग हर चीज देखते हैं कि किसी की बेटी का बर्थडे है…

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